भारतीय शिक्षा समिति , उत्तर प्रदेश में आपका स्वागत हैं
बालक ही हमारी आशाओं का केंद्र है । वही हमारे देश, धर्म एवं संस्कृति का रक्षक है । उसके व्यक्तित्व के विकास में हमारी संस्कृति एवं सभ्यता का विकास निहित है । आज का बालक ही कल का कर्णधार है । बालक का नाता भूमि एवं पूर्वजों से जोड़ना, यह शिक्षा का सीधा, सरल तथा सुस्पस्ट लक्ष्य है । शिक्षा और संस्कार द्वारा हमें बालक का सर्वांगीण विकास करना है । बस यही स्वप्न लेकर इस शिक्षा क्षेत्र को जीवन साधना समझकर 1952 में, संघ प्रेरणा से कुछ निष्ठावान लोग इस पुनीत कार्य में जुट गए। आज विद्या भारती भारत में सबसे बड़ा गैर सरकारी शिक्षा संगठन बन है । यह शिक्षा के क्षेत्र में सबसे बड़ी अशासकीय संस्था है ।
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